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Latest Hindi stories- जैसे को तैसा with Hindi moral || Karma real life stories

कहानी आज की - 77 (दो वर्ष पहले)

  जैसे को तैसा(Jese ko tesa  hindi story)


व्या ने आज एक ऐसा फैसला लिया जिसके बाद उसे ससुराल में सब बुरा बोलने लगे| लेकिन उन लोगों की वजह से ही उसने यह फैसला लिया था। नव्या एक नौकरी पेशा लड़की थी, उसकी शादी पंकज से दो साल पहले हुई थी। उसकी तैनाती सीमा पर थी, इसलिए नव्या उसके साथ नहीं जा सकती थी।

शादी के बाद नव्या के ससुराल वालों ने जिद करके उसका तबादला अपने शहर में करवा लिया| उससे कहा कि तुम अकेली कैसे रहोगी? हमारा भरा पूरा परिवार है, सब साथ में रहेंगे अपने घर में।

नव्या ने भी खुशी-खुशी अपना तबादला करवा लिया, लेकिन कुछ समय बाद ही नव्या ने यह महसूस किया कि उसको उन लोगों ने साथ रहने के लिए नहीं बल्कि उसके पैसे के लिए उसे अपने पास बुलाया है। क्योंकि अगर वह अलग रहती उसके पति जो पूरा घर का खर्च उठाते हैं वह आमदनी बन्द ना हो जाए, इसलिये उसे अपने पास रखा है| धीरे-धीरे तो अब उसके पति के साथ-साथ उसकी भी पूरी तनख्वाह घर में ही लगने लगी।

हर छोटे-बड़े काम के लिए उससे ही पैसे माँगे जाते और ताना भी मारते कि तुम तो अच्छा कमा लेती हो इतना तो खर्च कर ही सकती हो। एक साल बाद जब नव्या ने बेटे को जन्म दिया तो वह नौकरी छोड़ना चाहती थी| परन्तु सास और जेठानी ने बड़े प्यार से कहा कि बच्चे को हम देखेंगे तुम नौकरी मत छोड़ना क्योंकि उसके नौकरी छोड़ते ही उन्हें अपनी मौज मस्ती के लिए पैसे कहाँ से मिलते! बच्चे के जन्म के कुछ समय बाद नव्या फिर से काम पर जाने लगी। उसने यह सोचा बच्चा तो उनके ही घर का है उसका तो वह ध्यान रखेंगे ही।

कुछ समय बाद नव्या ने महसूस किया कि कुछ दिनों से उनका बच्चा कुछ चिड़चिड़ा हो गया है और उसे छोड़ता ही नहीं है| जेठानी के बच्चों को देखते ही रोने लगता है। एक दिन तो उसने देखा कि बच्चे का गाल काफी लाल हो रहा है| उसने आया से पूछा लेकिन वह चुप रही| तब नव्या को लगा कुछ तो गड़बड़ है तो उसने रात में चुपचाप आया को फोन किया तो उसने बताया जेठानी के दोनों बच्चे उसके बेटे को परेशान करते रहते हैं| आज उन्होंने बच्चे के गाल को जोर से खींचा जिससे वह लाल हो गया।

वह तो उन्हें बताना चाहती थी पर माँ जी ने बोला था अगर मैं आपको बताऊँगी तो वे मुझे काम से निकाल देंगी। अब नव्या को अपने बच्चे के चिड़चिड़ा होने का कारण पता चल चुका था। कुछ दिन बाद बच्चे को बुखार हो गया| दो दिन नव्या ने छुट्टी ले ली, तीसरे दिन बच्चा कुछ ठीक हुआ तो वह ऑफिस चली गयी| पर बच्चे की चिन्ता में जल्दी घर आ गयी, तो देखा सास और जेठानी हॉल में मजे से कोई फिल्म देख रहे हैं। जब वह अपने कमरे में गयी तो बच्चा रो रहा है| पूरा मुँह लाल हो गया था, पता नहीं वह कितनी देर से रो रहा था| उसने अपने कपड़े भी पूरे गन्दे कर रखे थे, लग रहा था वह काफी देर से ऐसे ही पड़ा है। जब उसने सास और जेठानी से इसकी शिकायत करी तो जेठानी बोली इतना कमाती हो इसके लिए एक अलग से आया रख लो| उनका उत्तर सुनकर नव्या स्तब्ध रह गयी।

उसने अपने पति को सारा हाल बताया और अपने तबादले की अर्जी ऑफिस में दे दी| संयोगवश एक महीने में उसका तबादला हो गया। जब वह समान बाँध रही थी तो सास ने पूछा कहाँ जा रही हो? नव्या बोली मेरा तबादला हो गया है। तो सास बोली वहाँ बच्चे को कौन देखेगा? तब नव्या बोली जो यहाँ देखता है। जब यहाँ उसे पूरे समय आया देखती है तो वहाँ भी मैं एक आया रख लूंगी| पंकज भी मेरी बात से सहमत हैं। अब तो सास और जेठानी की सूरत देखने लायक थी. उन्होंने अपने पैरों में खुद कुल्हाड़ी मारी थी।

कभी-कभी लोगों को जवाब देना भी आवश्यक होता है| अगर आप हमेशा चुप रहते हैं तो लोग आपको और दबाने की कोशिश करते हैं| हर चीज की एक सीमा होती है, उससे ज्यादा सहना गलत बात है| अपने ऊपर हो रहे गलत व्यवहार का विरोध अवश्य करना चाहिए|

- Bhawana Bhatt